महाराष्ट्र की राजनीति में 5 जुलाई का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। लगभग 19 साल बाद दो बड़े नेता राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ एक ही मंच पर नजर आने वाले हैं। यह मिलन मराठी भाषा के सम्मान के लिए हो रहा है।
5 जुलाई को मराठी अस्मिता का संगम राज और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर
कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने त्रिभाषा नीति के तहत स्कूलों में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का आदेश यानी जीआर जारी किया था। इस फैसले का मराठी लोगों ने विरोध किया और इस विरोध में ठाकरे बंधु भी खुलकर सामने आए।
योजना थी कि 5 जुलाई को दोनों नेता सरकार के खिलाफ मोर्चा निकालेंगे। लेकिन जनता के दबाव और विरोध को देखते हुए सरकार ने यह विवादित जीआर वापस ले लिया। अब ठाकरे बंधु इस दिन को मराठी भाषा की जीत के रूप में मनाने जा रहे हैं।
मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में मराठी लोगों ने अपनी पहचान बनाई है, और इस पहचान को बनाने में ठाकरे परिवार का बड़ा योगदान रहा है। अब एक बार फिर ठाकरे परिवार के दो बड़े नेता मराठी अस्मिता के लिए एकजुट हो रहे हैं।