Rashtriya Gokul Mission :स्वदेशी गोजातीय नस्लों को बढ़ावा देने वाली योजना: राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2025 की पूरी जानकारी

Rashtriya Gokul Mission. देसी नस्लों को बढ़ावा देने वाली योजना: राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2025 की पूरी जानकारी

भारत में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2014 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देशी गायों और भैंसों की नस्लों का संरक्षण और विकास करना है, जिससे ग्रामीण किसानों की आय में इजाफा हो और दूध उत्पादन की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

🔹 Rashtriya Gokul Mission राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य क्या है?

1. देसी पशु नस्लों की उत्पादकता बढ़ाना और टिकाऊ तकनीकों से दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करना।

2. उन्नत आनुवंशिक क्षमता वाले सांडों के उपयोग को बढ़ावा देना।

3. कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं को किसानों के द्वार तक पहुंचाना और इसके नेटवर्क को मजबूत करना।

4. वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण से देसी गाय-भैंस पालन और संरक्षण को बढ़ावा देना।

🔹 योजना की समय-सीमा और बजट

यह योजना अब 2021 से 2026 तक राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना (Rashtriya Pashudhan Vikas Yojna) के अंतर्गत चल रही है, जिसमें कुल 2400 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

🔹 राष्ट्रीय गोकुल मिशन के प्रमुख लाभ

छोटे और सीमांत किसानों को सीधे लाभ मिलेगा।

महिलाओं को विशेष रूप से लाभ होगा क्योंकि 70% पशुपालन कार्य महिलाएं करती हैं।

दूध उत्पादन और पशुधन की उत्पादकता में व्यापक वृद्धि होगी।

योजना के मुख्य घटक (Components of RGM)

1. उच्च आनुवंशिक क्षमता वाले जर्मप्लाज्म की उपलब्धता

बुल प्रोडक्शन कार्यक्रम: प्रोजेनी टेस्टिंग, पैडिग्री सिलेक्शन, जीनोमिक चयन, जर्मप्लाज्म आयात।

सीमन स्टेशन का सशक्तिकरण।

IVF तकनीक का कार्यान्वयन: लैब्स की स्थापना और इन-विट्रो एम्ब्रियो तकनीक।

नस्ल पुनरुत्पादन फार्म की स्थापना।

2. कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क का विस्तार

MAITRIs की स्थापना।

देशव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम।

सेक्स-सॉर्टेड सीमन का उपयोग।

नेशनल डिजिटल लाइवस्टॉक मिशन (Livestack) का कार्यान्वयन।

3. देसी नस्लों का संरक्षण और विकास

गौशालाओं, गोसदनों और पिंजरापोलों को सहायता।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के संचालन पर व्यय।

4. कौशल विकास

5. किसानों में जागरूकता

6. पशु प्रजनन में अनुसंधान और नवाचार

फंडिंग पैटर्न

अधिकतर योजनाएं 100% केंद्र सरकार के अनुदान पर आधारित हैं।

IVF गर्भावस्था पर ₹5,000 की सब्सिडी।

सेक्स-सॉर्टेड सीमन पर 50% तक सब्सिडी।

नस्ल पुनरुत्पादन फार्म की स्थापना पर 2 करोड़ रुपये तक पूंजी लागत में 50% सब्सिडी।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय गोकुल मिशन भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की एक ठोस पहल है। यह योजना न केवल देशी नस्लों के संरक्षण में सहायक है, बल्कि महिलाओं और छोटे किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।

क्या आप भी पशुपालन से जुड़ना चाहते हैं?

तो यह योजना आपके लिए सुनहरा मौका है! राज्य सरकार या नजदीकी पशुपालन विभाग से संपर्क करें और इसका लाभ उठाएं।

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